आज फिर दिल्ली कूच करने पर अड़े किसान

हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसान आज फिर शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर के मुताबिक आज दोपहर 12 बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना होगा. किसानों के मार्च को लेकर प्रशासन की ओर से इलाके की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. किसान अपनी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे पहले शुक्रवार को किसानों ने दिल्ली में जुलूस निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस से झड़प के बाद किसान आगे नहीं बढ़ सके. फिर किसानों ने बैठक की. बैठक के बाद घोषणा की गई कि दिल्ली में शनिवार की रैली स्थगित कर दी जाएगी. किसानों ने भी सरकार से बातचीत की इच्छा जताई. किसानों ने कहा कि सरकार से बात करने के लिए उनके पास शनिवार तक का समय है अगर बात नहीं बनी तो किसान रविवार को दिल्ली में मार्च निकालेंगे. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि शुक्रवार को जब किसानों ने दिल्ली जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोका और उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े. इससे कुछ किसान घायल भी हो गये. उन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताते हुए आरोप लगाया कि किसानों को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार होना चाहिए लेकिन, उन्हें दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं है. अभिमन्यु कोहाड़ ने आरोप लगाया कि आंदोलन शांतिपूर्ण था और किसानों को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को भूख हड़ताल की घोषणा की गयी थी. उस वक्त कहा गया था कि अगर 10 दिन के अंदर किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से 100 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना होगा. हालाँकि, उस दिन पुलिस कार्रवाई के कारण इसे रोक दिया गया था। किसान नेता ने गुस्से में कहा कि भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है हालाँकि, इस लोकतंत्र में देश के सबसे बड़े वर्ग यानी किसानों को दिल्ली में शांतिपूर्वक विरोध करने की जगह भी नहीं दी जाती है। यह लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है और देश की संवैधानिक संस्थाओं को इस पर गौर करना चाहिए।